नई दिल्ली: महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने यह बिल लेकर आए। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बिल पर बात की। वहीं, पीएम ने निचले सदन के बाद राज्यसभा को संबोधित किया और इसे सर्वसम्मति से पास करने की बात कही। पीएम के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बिल पर बोलने आए। लेकिन उनके बयां के बाद सदन में हंगामा हुआ।
अपने स्पीच के दौरान विपक्ष के नेता ने SC, ST और OBC महिलाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल की आदत कमजोर महिलाओं को चुनने की है। खरगे के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताते हुए हंगामा किया।
राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकते हैं।”
#WATCH | ” Literacy rate of women from scheduled caste is less and that’s why political parties have a habit of choosing weak women and they won’t choose those who’re educated and can fight”, says Rajya Sabha LoP Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/QTD2Y4vftl
— ANI (@ANI) September 19, 2023
‘…इसी वजह से महिलाएं पीछे’
उन्होंने कहा, “मेरा कहना ये है कि कमजोर वर्ग के लोगों को हम टिकट देते हैं। मैं सब पार्टी के लिए बोल रहा हूं। हिंदुस्तान की हर पार्टी में ऐसा है। इसी वजह से महिलाएं पीछे हैं। आप उनको बात करने नहीं देते, आप उनको कभी भी आगे बढ़ने नहीं देते।”
पहले ही पारित हो चुका है महिला आरक्षण विधेयक
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “वे हमें श्रेय नहीं देते हैं, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका है, लेकिन यह रुक गया था।” बता दें कि राज्यसभा में 2010 में यह विधेयक पारित हुआ था और इसे लोकसभा को भेज दिया गया था। उसके बाद यह विधेयक निम्न सदन की ‘प्रोपर्टी’ हो गया, लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका। पंद्रहवीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही संबंधित विधेयक निष्प्रभावी हो गया।
खड़गे के बयान पर सीतारमण का पलटवार
वहीँ, खड़गे के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पलटवार करते हुए आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जी और हमारी पार्टी ने हम सभी को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी सशक्त महिला हैं। हमारी पार्टी की प्रत्येक महिला सांसद सशक्त है। मैं खरगे के बयान पर आपत्ति जताती हूं।”
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