नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के लुटियंस इलाके की खुबसूरती और कलात्मकता बरकरार रखने के लिए नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने इस क्षेत्र में संचार टावर लगाने को लेकर 37 बिंदुओं वाले दिशानिर्देश जारी किये हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में मोबाइल टावर (Mobile Towers) नहीं लगाये जाएंगे, जबकि एनडीएमसी के नियंत्रण वाले इलाके की कलात्मकता समाप्त नहीं होनी चाहिए।
एनडीएमसी द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक दस्तावेज़ में, नागरिक निकाय ने क्षेत्र में ‘एकरूपता’ लाने के लिए संचार टावरों की स्थापना के संबंध में एनडीएमसी नीति निर्धारित की है। दस्तावेज में उल्लेख किया गया है कि टावर या एंटीना इस तरीके से लगाए जाने चाहिए कि नयी दिल्ली इलाके की विरासत और सौंदर्य पर कोई प्रभाव न पड़े।
इस पॉलिसी के जारी होने के बाद बिना अनुमति के लगाए गए मोबाइल टावर को स्थापित किये जाने की तारीख से 10,000 रुपये प्रतिमाह के जुर्माने के साथ नियमानुसार नियमित किया जा सकता है। इस नीति के जारी होने से पहले से मौजूद मोबाइल टावर के लिए, दूरसंचार कंपनी और सेवा प्रदाता इस नीति की अधिसूचना के 30 दिन के भीतर उनके अस्तित्व की तारीख से बकाया का भुगतान करके नियमितीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस नीति के तहत एकमुश्त अनुमति शुल्क भी पांच साल के लिए दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। मासिक लाइसेंस शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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एनडीएमसी इलाके में अनधिकृत ‘‘वाहनों पर मोबाइल टॉवर” (सीओडब्ल्यू) पर पाबंदी रहेगी।एक अधिकारी ने कहा, ”एनडीएमसी ने एकरूपता लाने के लिए मोबाइल संचार टावर और उससे जुड़ी अवसंरचना को लेकर नीति जारी की है। यह नीति दूरसंचार विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश और संबंधित सभी कारकों के आधार पर जारी की गयी है।”
दस्तावेज के अनुसार, एंटीना और टावर प्लॉट के सबसे पीछे होने चाहिए एवं उन्हें मुख्य प्रवेश और सड़क से नहीं दिखना चाहिए। साथ ही टावर को बिजली देने के लिए वहां डीजल जेनरेटरों की अनुमति नहीं होगी। एनडीएमसी इलाके में सीओडब्ल्यू लगाने के लिए परिषद चिह्नित जगहों के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया अपनाएगी। इसमें शुरुआती तीन वर्षों के लिए मंजूरी मिलेगी जिसे भविष्य में दो वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकेगा।
सेंट्रल विस्टा के भीतर जमीन पर या छत पर टावर और एंटीना की स्थापना की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि, जरूरी होने पर एक समिति मामले-दर-मामले के आधार पर मुद्दे का फैसला करेगी। समिति की अध्यक्षता एनडीएमसी अध्यक्ष द्वारा की जाएगी, जिसके सदस्य सेंट्रल विस्टा समिति से चुने जाएंगे। इसी तरह, नवयुग विद्यालयों सहित एनडीएमसी विद्यालयों के परिसर और अस्पतालों और औषधालयों की इमारतों पर टावर या एंटीना लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया है, “हालांकि, अगर इन इमारतों पर टावर स्थापना के लिए कोई तकनीकी आवश्यकता है, तो इसे मामला-दर-मामला के आधार पर छूट प्राप्त करने के लिए एनडीएमसी अध्यक्ष को भेजा जाएगा।” विरासत-सूचीबद्ध इमारतों के लिए, विरासत संरक्षण समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) आवश्यक होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारकों के 300 मीटर के दायरे में आने वाली इमारतों के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की आवश्यकता होगी। (एजेंसी)
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