सांकेतिक तस्वीर
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महाराष्ट्र में बाघ शावकों के नामकरण को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। कहा जा रहा है कि ‘आदित्य’ नाम वाली एक पर्ची वापस ले ली गई और उसकी जगह दूसरी पर्ची निकाली गई। शिवसेना (यूबीटी) ने निशाना साधते हुए कहा कि शिंदे सरकार आदित्य ठाकरे के नाम से डरी हुई है। विपक्षी नेताओं ने इस नाम को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से जोड़ा है।
रविवार को छत्रपति संभाजीनगर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को तीन बाघ शावकों के नामकरण के लिए बुलाया गया था। इस कार्यक्रम के वीडियो में दिख रहा है कि शिंदे द्वारा शीशे के कटोरे से एक पर्ची निकाले जाने के बाद अजित पवार से दूसरे कटोरे से पर्ची निकालने का अनुरोध किया गया। पवार ने मुस्कान के साथ यह पर्ची किसी को दिखाई। पीछे से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह आदित्य है।
शिवसेना (यूबीटी) ने कहा- आदित्य के नाम से डरी सरकार
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे और शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, चाहे यह दुनिया (आदित्य ठाकरे का जिक्र करते हुए) हो या आसमान (सूर्य को भी आदित्य कहते हैं), कोई भी आदित्य को नहीं रोक सकता। यह सरकार उनके नाम से भी डरी हुई है। बाद में शिंदे ने नामकरण विवाद के बारे में पूछे गए सवाल को तवज्जो नहीं दिया। उन्होंने कहा, एक साथ दो पर्चियां निकाली गई थीं। इसलिए एक पर्ची एक तरफ रख दी गई।
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